हे यादव, माधव, बनवारी, इस पावस आओ मेरे गाँव। हे यादव, माधव, बनवारी, इस पावस आओ मेरे गाँव।
भूल जाओ ऐसा मुमकिन नहीं, दिल मे हूँ मैं ख्याल रखना।। भूल जाओ ऐसा मुमकिन नहीं, दिल मे हूँ मैं ख्याल रखना।।
व्याकरण के बन्धनों से हटकर भी कविता का एक जीवन है। उसी का दर्शन आप यहाँ कर पाएंगे। कविता की कहानी कु... व्याकरण के बन्धनों से हटकर भी कविता का एक जीवन है। उसी का दर्शन आप यहाँ कर पाएंग...
इन मासूमों ने भी अपने नन्हें कोमल पैरों को और जहरीले पौधों से उधार लेकर अपने रंगीन पंखों को बना लि... इन मासूमों ने भी अपने नन्हें कोमल पैरों को और जहरीले पौधों से उधार लेकर अपने रंग...
इस/जंगल के/दरख्तों से/क्यों पूछते हो/खैरियत----। इस/जंगल के/दरख्तों से/क्यों पूछते हो/खैरियत----।
हिंदी काव्य मेंअंग्रेजी को शामिल करने वाले कवियों पे कटाक्ष ॥। हिंदी काव्य मेंअंग्रेजी को शामिल करने वाले कवियों पे कटाक्ष ॥।